बनें जलविज्ञानी

इन दिनों पूरी दुनिया में पानी और इससे जुडी समस्याएं गहराती जा रही है। इससे निपटने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। यही कारण है कि इन दिनों हाइड्रोलॉजी (जल-विज्ञान) एक बेहतर करियर ऑप्शन के रूप में उभर रहा है।

कोर्स

भारत में सीधे तौर पर हाइड्रोलॉजी का डिग्री प्रोग्राम नहीं है, लेकिन सिविल इंजीनियरिंग, भूगोल, एन्वायरनमेंट साइंस प्रोग्राम में एक भाग के तौर पर हाइड्रोलॉजी विषय के बारे में विस्तार से पढाया जाता है। कुछ संस्थान हाइड्रोलॉजी और वाटर रिसोर्स से जुडे ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम ऑफर कर रही है।

हाइड्रोलॉजी की शाखाएं

केमिकल हाइड्रोलॉजी : इसमें रासायनिक गुणों का अध्ययन किया जाता है।

इकोहाइड्रोलॉजी : ऑर्गेनिज्म और हाइड्रोलॉजिकल के बीच की क्रियाओं का अध्ययन होता है।

हाइड्रोइन्फॉर्मेटिक्स : हाइड्रोलॉजी और वाटर रिसोर्स ऐप्लिकेशन में आईटी के इस्तेमाल के बारे में अध्ययन किया जाता है।

हाइड्रो मिटियोरोलॉजी : भूमि और जल भरने तथा निचले वातावरण के बीच पानी और ऊर्जा के स्थानांतरण का अध्ययन।

आइसोटोप हाइड्रोलॉजी : पानी के आइसोटोपिक सिग्नेचर्स का अध्ययन।

सर्फेस हाइड्रोलॉजी : पृथ्वी के तल केनिकट संचालित होने वाली हाइड्रोलॉजिक प्रोसेस का अध्ययन।

कार्य

हाइड्रोलॉजिस्ट पानी की सुरक्षा, निगरानी और प्रबंधन की दिशा में काम करते हैं। इसके अलावा, हाइड्रोमीट्रिक और वाटर क्वालिटी मीजरमेंट, नदियों, झीलों और भूमि के जल स्तरों, नदियों के प्रवाह, वर्षा और जलवायु परिवर्तनों को दर्ज करने वाले निगरानी नेटवर्को का रखरखाव, पानी के नमूने लेना और रासायनिक विश्लेषण करना, नदियों तथा झीलों की स्थितियों की निगरानी के लिए बायोलॉजिस्ट और इकोलॉजिस्ट के साथ मिल कर कार्य करना, वर्षा की पद्धतियों और अन्य वृष्टिपातों के रूपों की जांच के साथ ही बर्फ, हिम तथा ग्लेशियरों से जुडे कार्य भी करते हैं।

अवसर

माणिकचंद ऑक्सीरिच (वाटर कंपनी) के प्रोजेक्ट हेड बालाजीत सेठी कहते हैं कि हाइड्रोलॉजिस्ट के लिए एन्वायरनमेंटल साइंस, फिजिकल जिओग्रफी या सिविल, एन्वायरनमेंटल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काफी मांग है। हाइड्रोलॉजी फील्ड से जुडे लोगों की डिमांड विदेश में भी खूब है। इस फील्ड से जुडे लोग कंसल्िटग का कार्य भी शुरू कर सकते हैं। एकेडमिक और रिसर्च फील्ड के साथ-साथ यूटिलिटी कंपनियों और सार्वजनिक प्राधिकरणों में भी इनके लिए काम करने के बेहतर अवसर हैं।

सैलरी पैकेज

हाइड्रोलॉजिस्ट के तौर पर करियर की शुरुआत करने वालों को आरंभिक दौर में वेतन 12 से 15 हजार रुपये प्रति महीने मिलता है। तीन से चार वर्ष का अनुभव हासिल करने के बाद वेतन 25 से 30 हजार रुपये तक हो सकता है।

ास बातें

करीब 4000 ईसा पूर्व बंजर भूमि की कृषि उत्पादकता में सुधार के लिए नील नदी पर बांध बनाया गया। ऊंची दीवारों के साथ बाढ से मेसोपोटेनियम कस्बों की सुरक्षा की गई। यूनानी और प्राचीन रोमन्स द्वारा जलसेतुओं का निर्माण किया गया। ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी में मा‌र्क्स वितरुवियस ने जल-वैज्ञानिक चक्र के दार्शनिक सिद्धांत की व्याख्या की, जिसकेअनुसार पहाडियों में होने वाले वृष्टिपात से पृथ्वी के तल में पानी का रिसाव हुआ और इससे निचली भूमि में दरिया और झरना आदि बन गए।

प्रमुख संस्थान

दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, दिल्ली ,

www.dce.edu

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुडकी ,

http://www.iitr.ac.in

एम.एस. बडौदा विश्वविद्यालय, वदोदरा

http://www.msubaroda .ac.in

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली

www.ignou.ac.in

अन्नामलाई विश्वविद्यालय, अन्नामलाई नगर

www.annamalaiunivers ity.ac.in

जवाहरलाल नेहरू प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हैदराबाद

www.jntu.ac.in