स्वास्थ्य समस्याएं एवं बचाव- थायरॉयड

थायरॉयड ग्रंथि हमारी गर्दन के निचले हिस्से में स्थित होती है और इससे एक खास तरह के हॉर्मोन टी 3 और टी 4 का स्त्राव होता है, जिसकी मात्रा के असंतुलन का स्त्रियों की सेहत पर प्रतिकूल असर पडता है।

लक्षण

1. हृदय गति का धीमा या तेज होना

2. हाथों-पैरों का ठंडा रहना

3. त्वचा एवं बालों का खुश्क होना

4. बालों का झडना

5. तेजी से वजन बढना या घटना

6. कब्ज

7. आंखों के चारों ओर सूजन

8. आवाज में भारीपन

9. शारीरिक एवं मानसिक थकान

10. पीरियड से संबंधित अनियमितताएं

11. गर्मी सहन न कर पाना

12. अधिक पसीना निकलना

13. व्यवहार में चिडचिडापन

14. आंखों के सफेद हिस्से का सामान्य से अधिक उभर जाना

उपचार एवं बचाव

निम्नलिखित जांचों द्वारा थायरॉयड ग्रंथि से संबंधित विभिन्न समस्याओं की पहचान की जाती है :

1. सीरम टीएसएच

2. रक्त में टी3 एवं टी4 हॉर्मोस का स्तर

3. फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी

4. थायरॉयड ऑटो-एंटीबॉडीज

5. आइसोटोप स्कैनिंग

6. एमआरआई, सीटी स्कैन अथवा सोनोग्राफी से बीमारी की पहचान की जाती है। अगर आपको थायरॉयड के उपयुक्त लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई तो एंडोक्रनोलॉजिस्ट से सलाह लें।

इस समस्या से पीडित स्त्रियां सामान्य जीवन व्यतीत कर सकती हैं। लेकिन उनके लिए नियमित रूप से दवाओं का सेवन करना बहुत जरूरी होता है और डॉक्टर की सलाह अनुसार समय-समय पर अपनी विस्तृत जांच करवाते हुए थायरॉयड ग्रंथि की तत्कालीन क्षमता को मापना अति आवश्यक है।