यह फूल खुशबूदार नहीं, बल्कि बेहद बदबू भरा होता है। यही वजह है कि बहुत कम कीट इसकी तरफ आकर्षित होते हैं। कीटों के न आने से कारण परागण की प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ता है। यही वजह है कि इस पौधे के बीज कम उत्पन्न होते हैं। और इस तरह यह पौधा होता हैदुर्लभ प्रजाति का पौधा। वैसे, इसके दुर्लभ होने का दूसरा कारण भी है। तोते जैसे फूल खिलाने वाला यह पौधा केवल नमी वाले वनों में ही उगता है और इसके लिए जरूरत होती है अधिक चूने वाली मिट्टी की। यह पौधा एक मीटर से कम ऊंचा होता है। इसकी मुख्य शाखा करीब आधा इंच मोटी तथा पत्ते दो से अढ़ाई इंच लंबे हो सकते हैं। और इस फूल यानी पैरट फ्लावर के आकार का प्रश्न है, तो इसका आकार होता है तकरीबन दो इंच।
[वंदना वालिया बाली]