माइग्रेन में कारगर है अरोमाथेरेपी

माइग्रेन में कारगर है अरोमाथेरेपी

आज की भागदौड भरी जिंदगी में आए दिन सिरदर्द का होना एक आम बात है। माइग्रेन भी सिरदर्द का ही एक प्रकार है, जिसमें सिर के आधे हिस्से में दर्द रहता है। डॉक्टरों के मुताबिक अरोमाथेरेपी से माइग्रेन को काफी हद तक काबू में किया जा सकता है।

हालांकि माइग्रेन होने का कोई निश्चित कारण नहीं है। सामान्य रूप से सिरदर्द का कारण मस्तिष्क में रक्तवाहिनियों का फैलाव है।

1. माइग्रेन 20 फीसदी पुरुषों व 6 फीसदी महिलाओं में पाया जाता है।

2. सामान्य रूप से चालीस साल के आसपास इसका असर गहरा होता है। तनाव इसका प्रमुख कारण है।

3. हार्मोन परिवर्तन, मासिक चक्र या रजोनिवृत्ति के पूर्व भी माइग्रेन के मामले सामने आते हैं।

माइग्रेन के पीडितों में ये सामान्य लक्षण देखे जाते हैं:

1. व्यवहार में बदलाव (मूड चेंज)

2. शरीर में ऊर्जा का स्तर काफी कम हो जाता है।

3. भूख में भी परिवर्तन होता है।

क्या है अरोमाथेरेपी

कुछ खास तेलों को माइग्रेन दूर करने के लिए फायदेमंद बताया गया है, जिनमें तुलसी, कर्पूरपुष्प, लैवेंडर, काली मिर्च व यूकेलिप्टस मुख्य हैं। इनके तेलों को भाप के रूप में लिया जा सकता है। इन्हें अकेले या एक-दूसरे के साथ मिलाकर भी प्रयोग किया जा सकता है।

एक कटोरे में पानी लेकर तेल की कुछ बूंदें उसमें डाल दें। तेल मिश्रित पानी से गले, सिर, कंधे की मालिश करें। मालिश करते समय ज्यादा रगडें नहीं व उंगलियों का प्रयोग करें। पानी में तेल डालकर उसकी भाप भी ली जा सकती है।

कौन सा तेल, किस में उपयोगी

1. तनाव से सिरदर्द होने पर- लैवेंडर का तेल।

2. पेट खराब या गर्मी लगने पर- तुलसी का तेल।

3. सप्ताहांत में काम की थकान दूर करने के लिए- यूकेलिप्टस का तेल।

4. मासिक धर्म के पूर्व/रजोनिवृत्ति के समय- कर्पूरपुष्प का तेल।

5. नियमित ध्यान या योग करें।

6. हलका भोजन व कम मसाले का प्रयोग करें।

7. कॉफी व शराब का सेवन कम करें।

8. हर्बल चाय का सेवन फायदेमंद रहेगा। ऑक्सीजन से होगा कैंसर का इलाज

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कैंसर केइलाज का नया तरीका खोज निकालने का दावा किया है। कैंसर रिसर्च पत्रिका में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ट्यूमर में ऑक्सीजन देने से कैंसर कोशिकाओं का रक्त प्रवाह बढ जाता है। इसके बाद कीमोथेरेपी (कैंसर की एक चिकित्सापद्धति) ज्यादा प्रभावी हो जाती है।

शोध में कहा गया कि ट्यूमर की रक्तवाहिकाएं काफी क्षतिग्रस्त और कमजोर होती हैं। इसलिए कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं में सामान्य कोशिकाओं के मुकाबले ऑक्सीजन का स्तर काफी कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में कीमोथेरेपी का कोई खास फायदा नहीं होता। वैज्ञानिकों ने अध्ययन में ट्यूमर से ग्रस्त कुछ चूहों को शामिल किया। कुछ दवाओं के इस्तेमाल से इन चूहों के ट्यूमर में ऑक्सीजन की मात्रा बढा दी गई। उन्होंने पाया कि ट्यूमर की रक्त कोशिकाओं का प्रवाह बढ गया। इससे रेडियोथेरेपी के प्रति ट्यूमर की संवेदनशीलता भी बढ गई।

यूके, ग्रे इंस्टीट्यूट फॉर रेडिएशन ऑन्कोलॉजी एंड बायोलॉजी के निदेशक प्रोफेसर गिलीज मैक्केना ने बताया कि कैंसर के इलाज का नया और अधिक प्रभावी तरीका खोजकर हम बेहद रोमांचित हैं। उन्होंने कहा कि शायद इस नई तकनीक के माध्यम से ट्यूमर से ग्रस्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढाने में मदद मिले। लेकिन वास्तविकता में कैंसरग्रस्त कोशिकाओं में रक्त की आपूर्ति को बेहतर करके रेडियोथेरेपी व कीमोथेरेपी के उपचार को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। ताकि वे ट्यूमर से ग्रस्त कोशिकाओं को खत्म कर सकें। वैज्ञानिकों ने चार दवाओं के प्रभाव का परीक्षण भी किया जो कैंसरथेरेपी के लिए चिकित्सीय इस्तेमाल में लाई जा रही हैं या जिन्हें विकसित किया जा रहा है।

उच्च रक्तचाप से बचाए चुकंदर

चुकंदर का स्वाद बहुत कम लोगों को भाता है, लेकिन यह सेहत के लिए बहुत लाभदायक है। इससे पर्याप्त ऊर्जा मिलती है। आप इसका जूस पीकर बिना थके लंबे समय तक व्यायाम कर सकते हैं। प्रतिदिन एक कप चुकंदर का जूस ब्लड प्रेशर को कम करता है और दिल के लिए भी फायदेमंद है। एक नए अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है।

जर्नल ऑफ एप्लायड फिजियोलॉजी की रिपोर्ट के मुताबिक, जूस का असर देखने के लिए आठ स्वस्थ पुरुषों का चयन किया गया। इन्हें नियमित रूप से साइकिल चलाने को कहा गया। छह दिनों तक इन सभी को रोजाना चुकंदर का एक ग्लास जूस दिया गया। उनसे धीरे-धीरे साइकिल चलाने को कहा गया। इस दौरान पाया गया कि इन लोगों ने कम ऑक्सीजन ली। इससे निष्कर्ष निकाला गया कि कम ऊर्जा खर्च करके मांसपेशियां उतना ही काम कर रही हैं। इससे 16 प्रतिशत सहनशक्ति बढ जाती है। यानी जो रोज एक घंटे की जॉगिंग करता है वह दस मिनट और ज्यादा करने में सक्षम है। या फिर उतनी ही दूरी को ज्यादा तेजी से कम समय में तय कर सकता है। शोधकर्ता एंडी जोंस के अनुसार, ऑक्सीजन पर चुकंदर के प्रभाव से वह अत्यंत उत्साहित हैं।

सखी प्रतिनिधि