मेनोपॉज के दौरान स्त्री के शरीर में हार्मोन संबंधी अनेक बदलाव आ रहे होते हैं, जिसका गहरा प्रभाव उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पडता है।
लक्षण
1. शरीर में तापमान में अनिश्चितता
2. कभी-कभी अचानक बुखार सा महसूस होना और पसीना आना
3. शरीर में एस्ट्रॉजन और प्रोजस्ट्रॉन नामक हॉर्मोन के निर्माण की प्रक्रिया भी धीमी पड जाती है। इससे यूटीआई, बार-बार यूरिन आना और खांसी के साथ यूरिन डिस्चार्ज जैसी समस्याएं होती हैं।
4. हृदय की धमनियों के संकुचित होने से हृदय रोग का खतरा
5. स्मरण शक्ति में कमी, चिडचिडापन और अनिद्रा
6. यौनेच्छा में कमी
7. त्वचा में रूखापन, बालों का झडना और अवांछित बालों की समस्या
बचाव
1. भोजन में गर्म और मसालेदार चीजों का इस्तेमाल न करें, ज्यादा पानी पीने की कोशिश करें, सूती कपडे पहनें।
2. भोजन में हरी सब्जियां, सलाद, अंकुरित अनाज, ताजे फल और जूस नियमित रूप से लें।
3. प्रतिदिन एक ग्लास दूध अवश्य लें क्योंकि इस दौरान कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर पडने लगती हैं।
4. ऐसा सोचना गलत है कि मेनोपॉज के बाद शरीर थक जाता है। डॉक्टर की सलाह के बाद आप नियमित रूप से ब्रिस्क वॉक, जॉगिंग, स्विमिंग, स्किपिंग, साइक्लिंग जैसे सभी व्यायाम बडी सहजता से कर सकती हैं।