हेल्थ केयर

कुछ बातों का खयाल आपको रखे सेहतमंद

अकसर लोगों को लगता है कि उन्हें कोई बीमारी हो ही नहीं सकती और वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। लेकिन अपने खानपान और रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ बातों का खयाल रखकर स्वस्थ रहा जा सकता है।

खाने के पिरामिड चार्ट की बात हो रही है। इसमें सेहत के हिसाब से जरूरी खाद्य पदार्थो को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है। यह आपको बताता है कि खाने में सबसे ज्यादा और सबसे कम जरूरी क्या चीजें हैं। पिरामिड के आधार में अनाज और दालें हैं। इन्हें सबसे ज्यादा खाना चाहिए। जबकि इसके शीर्ष में वसा, तैलीय खाद्य पदार्थ और मिठाई हैं। इसका उपयोग कम करें। पिरामिड के बीच में फल और सब्जियां आती हैं। इसके बाद दूध और मीट के उत्पाद आते हैं। जो सेहत के लिए लाभकारी होते हैं।

स्वस्थ और फिट रहने के लिए कुछ चेकअप कराने जरूरी हैं। जैसे शुगर का स्तर, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन का स्तर,कोलेस्ट्रॉल, लिवर, ईसीजी और फेफडे का एक्स रे। ये टेस्ट स्वास्थ्य के प्रति सचेत करते हैं। इस भागमभाग में स्वस्थ रहने के लिए थोडा-बहुत समय व्यायाम के लिए निकालना भी बेहद जरूरी है। अकसर लोग व्यायाम तब करते हैं जब ज्यादा कैलरी लेते हैं। व्यायाम ऊर्जावान और फुर्तीला बनाता है। पूरे दिन खूब पानी पिएं। पानी पीने से टॉक्सिन निकलता है। शरीर का तापमान संतुलित रहता है। पाचन क्रिया ठीक रहती है। तनाव से शरीर व मन को नुकसान पहुंचता है। तनाव में लंबी-लंबी सांस लें और छोडें। संगीत सुनें, ध्यान लगाएं, दोस्तों के साथ बातचीत करें। इससे तनाव से मुक्तिपा सकते हैं।

त्वचा परीक्षण से चलेगा अल्जाइमर का पता बुढापा कई बीमारियों लेकर आता है, जिनमें अल्जाइमर्स भी एक है। देर से पता लगने के कारण इसका इलाज संभव नहीं हो पाता। अब अमेरिकी शोधकर्ताओं ने साधारण से त्वचा परीक्षण के जरिये प्रारंभिक अवस्था में ही इस बीमारी का पता लगा लेने का दावा किया है। इस परीक्षण में त्वचा की कोशिकाओं में जलन की जांच कर अल्जाइमर का पता लगाया जा सकता है।

वेस्ट वर्जीनिया के ब्लेंचेट रॉकफेलर न्यूरोसाइंस इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क में मौजूद एक खास एंजाइम पर अपना ध्यान केंद्रित किया। पूर्व शोधों में भी अल्जाइमर्स के मरीजों में इस एंजाइम की क्रियाशीलता में वृद्धि देखी गई। शोधकर्ताओं के मुताबिक यह एंजाइम त्वचा की कोशिकाओं में भी पाया जाता है। यह त्वचा की कोशिकाओं में भी जलन पैदा करता है। त्वचा की कोशिका से एंजाइम निकालकर यह पता लगाया जा सकता है कि वह मस्तिष्क में किस तरह काम करता है। सीधे कहें तो एंजाइम की क्रियाशीलता की जांच कर व्यक्ति में अल्जाइमर्स के खतरे का पता लगाया जाएगा।

सामान्यत: डॉक्टर रिश्तेदारों से मरीज में आए बदलाव या याद्दाश्त में कमी के लक्षणों के बारे में जानकारी लेकर इलाज शुरू कर देते हैं। मरीज का मेमरी एसेसमेंट टेस्ट भी होता है। अल्जाइमर्स के पीछे एमीलाइड प्रोटीन जिम्मेदार है। एमीलाइड के कई अणु जुडकर एक बडी संरचना बनाते हैं, जिसका दुष्प्रभाव याद्दाश्त के कमजोर होने के रूप में सामने आता है। एकाग्रता की कमी, भ्रम व लक्ष्य से भटकाव जैसे लक्षण भी सामने आते हैं।

ऐसे कम करें पेट

निकली हुई तोंद से व्यक्तित्व का आकर्षण घट जाता है। साथ ही यह कई बीमारियों की जड भी है। इसलिए पेट निकलने से लोगों का परेशान होना लाजिमी है। आमतौर खान-पान में लापरवाही और अनियमित दिनचर्या से पेट निकल जाता है।

टोरंटो विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि अगर दिनचर्या में सुधार किया जाए और खान-पान में थोडी सतर्कता बरती जाए तो इस समस्या से निजात पाई जा सकती है। शोधकर्ताओं ने ऐसे खाद्य पदार्थो की सूची तैयार की है, जिनका सेवन करने से बढी हुई तोंद कम हो सकती है। लेकिन उन्होंने इसके साथ ही कुछ चीजों के सेवन पर सख्त पाबंदी भी लगा रखी है। बढी हुई तोंद के लिए कब्जियत को शोधकर्ताओं ने जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि इसकी वजह से पेट में गैस बनती है। उन्होंने सुझाया कि पाचन क्रिया को दुरुस्त करने और कब्जियत दूर करने के लिए सुबह के नाश्ते में रेशेदार फल और सब्जियों को शामिल करें। शोधकर्ता पेट निकलने के लिए चर्बी को जिम्मेदार नहीं मानते हैं। रेशेदार अनाज, फल और सब्जियों में चावल, गेहूं का चोकर, सरसों का साग, पालक, गोभी, पत्ता गोभी, मूली और नारियल का सेवन किया जाना पेट निकलने की समस्या से निजात दिलाने में सहायक होगा। इसके साथ ही पोटेशियम से भरपूर खाद्य पदार्थो को प्राथमिकता दें। चिकित्सकों के अनुसार खाने में कम से कम मात्रा में नमक का प्रयोग करना चाहिए। सोडियम की मात्रा 1500 मिलीग्राम प्रतिदिन से अधिक नहीं होनी चाहिए।

सखी प्रतिनिधि