अंग्रेजी का आसमान

आजकल बाजार के लिए सबसे अधिक शक्तिशाली भाषा अंग्रेजी ही है। यही कारण है कि यदि आपकी अंग्रेजी पर पकड है, तो देश-विदेश कहीं भी जाकर लोगों से कम्युनिकेट करने के साथ ही नौकरी भी कर सकते हैं। इन्हीं विशेषताओं के कारण इसे अंतरराष्ट्रीय भाषा भी कहा है।

नौकरी भी, पढाई भी

अंग्रेजी भाषा और साहित्य का अध्ययन छात्रों में मूल्याकंन और विश्लेषण करने की क्षमता प्रदान करता है। इन दिनों लोगों में अंग्रेजी के प्रति काफी क्रेज है। यही वजह है कि अंग्रेजी बोलने और सीखने की ललक घर-घर में देखी जा सकती है। कुछ लोग स्पोकेन इंग्लिश का कोर्स चलाकर हजारों की कमाई भी कर रहे हैं। यदि आप स्वरोजगार करना चाहते हैं, तो अपने घर के आसपास कोचिंग खोलकर लोगों को अंग्रेजी बोलना और लिखना सिखा सकते हैं। इसके अलावा यदि आप कहीं नौकरी करते हैं, तो कोचिंग या ट्यूशन पढाकर भी कम समय में बेहतर पैसे कमा सकते हैं। लेकिन इस तरह के प्रोफेशन में आने के लिए जरूरी है कि आपकी अंग्रेजी ग्रामर पर पकड हो, क्योंकि ग्रामर भाषा की रीढ होती है। यदि इस पर कमांड है, तो आप इस प्रोफेशन में अवश्य सफल हो सकते हैं। अगर आप अंग्रेजी से ऑनर्स हैं, तो पार्ट टाइम ट्यूशन पढाकर भी पढाई के खर्च आसानी से निकाल सकते हैं।

प्रतियोगी परीक्षा में अहम

आजकल किसी भी परीक्षा में अंगे्रजी ज्ञान से संबंधित पेपर अवश्य होते हैं। यदि आईएएस या पीओ जैसी प्रतिष्ठित सेवा की बात करें, तो उसमें भी अंग्रेजी से संबंधित पेपर में पास करना अनिवार्य होता है। यदि आप इसमें निर्धारित अंक नहीं लाते हैं, तो आपके शेष पेपर का मूल्यांकन नहीं होता है। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि अंग्रेजी का ज्ञान कितना जरूरी है। यदि आपकी इस विषय पर पकड है, तो इस विषय को लेकर आप मुख्य परीक्षा भी दे सकते हैं। इंटरव्यू में भी यदि आप अंग्रेजी बोलने और लिखने में सक्षम हैं, तो आपको काफी फायदा हो सकता है।

कैसे बनाएं पकड

अंग्रेजी भाषा पर बेहतर पकड व समझ बनाने के लिए बीए ऑनर्स या एमए करना आवश्यक है। इस कोर्स के माध्यम से अंग्रेजी के प्राचीन इतिहास , पॉलिटिकल थ्योरी, मध्यकालीन अंग्रेजी, विक्टोरियन साहित्य, आधुनिक और उत्तर आधुनिक साहित्य के अलावा नॉवेल, ड्रामा, क्रिटिकल थ्योरी और पोएट्री पढना होता है, जो कि काफी फायदेमंद होता है।

मीडिया

अंग्रेजी के जानकार मीडिया में भी करियर संवार सकते हैं। यहां पर आपकी अलग-अलग भूमिकाएं हो सकती हैं, जैसे कि संवाददाता, संपादक, उपसंपादक, रिपोर्टर और कॉपीराइटर। प्रिंट मीडिया के तहत अंग्रेजी ऑनर्स का छात्र विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी काम कर सकते हैं। दुनिया में अलग-अलग जगहों पर ढेर सारी पत्र-पत्रिकाएं आए दिन अंग्रेजी में निकलती रहती हैं। आप वहां भी अपने लिए अवसर तलाश सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संभावना

स्कूल से लेकर कॉलेज व विश्वविद्यालय में शिक्षक तौर पर काम करने के अवसर भी आपके पास है। इस विषय से बीए ऑनर्स करने के बाद बीएड करके किसी भी सरकारी या गैर सरकारी स्कूल में शिक्षक बन सकते हैं। दूसरी तरफ एमए, एमफिल और पीएचडी करने के बाद किसी भी कॉलेज में लेक्चरर व प्रोफेसर बनने का अवसर भी आपके पास होता है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंग्रेजी के जानकार के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों व स्कूलों में अध्ययन और अध्यापन के लिए काफी अवसर हैं।

बीपीओ की पहली पसंद

इस कोर्स से स्नातक करने के बाद आप एनजीओ, कॉरपोरेट सेक्टर, टूरिज्म, दूतावास,पब्लिकेशन , बिजनेस, टीवी , रेडियो ब्रॉडकास्िटग एडवरटाइजमेंट, बीपीओ, इंटरप्रेटर आदि की भूमिका बखूबी निभा सकते हैं। आज अंग्रेजी के जानकारों के लिए बीपीओ में काफी अवसर हैं। इस क्षेत्र में आने के लिए सिर्फ अंग्रेजी बोलना ही काफी है। इसमें डिग्री या डिप्लोमा कोई जरूरी नहीं है।

(दिल्ली के दयाल सिंह कॉलेज के प्रोफेसर शाईस्ता खान से बातचीत पर आधारित)

संध्या रानी

sandhyarani@nda.jagran.com