सही डाइट तो सर्दियां राइट

शीत ऋतु में शरीर को प्राकृतिक रूप से पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं। यही वह समय भी है, जब शरीर की ऊर्जा में बढोतरी होती है और स्वस्थ रहने के लिए अतिरिक्त प्रयास नहींकरना पडता। सर्दियों में जितने विटमिंस और पौष्टिक तत्व शरीर को मिलते हैं, वे साल भर शरीर को स्वस्थ बनाए रखते हैं।

जब भी मौसम बदलता है, कुछ मौसमी रोग घेर लेते हैं। गर्मी में जहां लू लगने और सनबर्न जैसी परेशानियां होती हैं, वहीं सर्दियों में सर्दी-जुकाम जैसी आम समस्याएं घेरती हैं। इसलिए सर्द मौसम में भी शारीरिक गतिविधियों को बनाए रखना और सक्रिय रहना जरूरी होता है।

सर्दी में सुस्ती क्यों

इस मौसम में भूख ज्यादा लगती है, दैनिक गतिविधियां थोडी धीमी गति से चलने लगती हैं। मौसम का प्रभाव कुछ ऐसा होता है कि आमतौर पर लोग हाई-कैलरी भोजन लेने लगते हैं, जिसके चलते वजन बढने, अवसाद, फटीग, थकान और एकाग्रचित्तता में कमी जैसे लक्षण उभरते हैं। इसलिए दिनचर्या को व्यवस्थित रखना जरूरी है। सूरज की रौशनी जहां हार्मोन स्तर को सुचारु रखती है, वहीं ताजा हवा में व्यायाम करने से कार्डियो-वैस्कुलर सिस्टम को दुरुस्त रखा जा सकता है।

हार्मोनल बदलाव

1. कोर्टिसोल स्तर में गिरावट होती है, जो हमें सक्रिय और सजग रखता है।

2. मेलाटोनिन ज्यादा बढता है, जिससे अनिद्रा और फटीग जैसी समस्याएं होती हैं। इनका कारण सूर्य की रोशनी का अभाव है। इससे स्त्रियों में अवसाद पनपता है।

यूं तो सर्दियां छुट्टियां और खुशियां मनाने का मौसम है, लेकिन इस मौसम में कई आम समस्याएं भी होती हैं। जैसे-सीजनल एफेक्टिव डिसॉर्डर (सेड), सांस संबंधी परेशानी, कोल्ड-कफ, इनफ्लूएंजा, वजन बढना, त्वचा का रूखा होना और गले में खराश।

सर्दियों में आहार

आयुर्वेद में भोजन के छह स्वाद बताए गए हैं-मीठा, नमकीन, तीखा, कडवा, खट्टा और कसैला। मीठे, खट्टे और नमकीन पदार्थ सर्दियों खासतौर पर सूखी सर्दी में लाभदायक होते हैं। तीखे और मसालेदार खाद्य पदार्थो को इस मौसम में नजरअंदाज करना चाहिए, क्योंकि ये शरीर में रूखापन बढाते हैं।

इस मौसम में, शरीर ठंडी हवाओं व मौसम से बचाव के लिए खुद को गर्म रखने के लिए ढेर सारी ऊर्जा पैदा करता है, जिससे भूख बढती है, साथ ही पाचन क्रिया भी मजबूत होती है। चूंकि दिन छोटे होते हैं और शारीरिक क्रियाएं कुछ कम होती हैं, इसलिए गरिष्ठ या तैलीय भोजन से भारीपन महसूस होता है।

इस मौसम में कुछ खाद्य पदार्र्थो को आहार में अवश्य शामिल किया जाना चाहिए। हर भोजन के बाद, यानी दिन में कम से कम तीन बार फल अवश्य लें। जिन लोगों को बीच-बीच में कुछ चबाने की आदत हो, वे फल खाएं, इससे स्वस्थ बने रहेंगे।

फ्रिज का पानी, आइसक्रीम, फ्रोजन खाद्य या पेय पदार्थ इस मौसम में निषिद्ध हैं।

16 टिप्स फिट रहने के

1. खानपान और शारीरिक गतिविधियों के बीच तालमेल हो। सर्दियों में वजन का थोडा बढना बुरा नहींहै, लेकिन जो लोग पहले ही मोटे हैं, उनके लिए यह परेशानी का सबब बन जाता है। ऐसे लोगों को संतुलित भोजन के साथ व्यायाम और शारीरिक सक्रियता की जरूरत होती है।

2. हालांकि सर्दियों में प्यास कम लगती है, लेकिन शरीर को हाइड्रेट करने के लिए कुछ-कुछ समय पर पानी पीना जरूरी है। सर्दियों में मौसम रूखा भी होता है, इसमें त्वचा की स्वाभाविक नमी कम होती जाती है। इसे पानी से ही संतुलित किया जा सकता है।

3. फलों और सब्जियों का सूप पीने की आदत डालें। लेकिन क्रीमी कॉकटेल्स को छोडें। ऐसे किसी शेक या पेय पदार्थ से परहेज करें, जिनमें क्रीम और सुगर हो, क्योंकि इनमें बहुत अधिक कैलरी होती हैं।

4. एल्कोहॉल का सेवन संतुलित मात्रा में करें। व्हिस्की कभी ऑन-द-रॉक्स स्टाइल में न पिएं। पार्टी या आयोजनों में कॉकटेल के रूप में ताजा क्रेनबैरी जूस मिनरल वॉटर मिलाकर ले सकते हैं।

5. सर्दियों में धूप न मिलने के कारण विटमिन डी की कमी हो जाती है। ऐसे में सीजनल एफेक्टिव डिसॉर्डर (सेड) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। फिश में विटमिन डी के साथ ही ओमेगा-3 फैटी एसिड्स की बहुतायत होती है, जिससे शरीर में सेरोटोनिन स्तर बढता है और मूड बिगडने या अवसाद की स्थिति से बचाव होता है।

6. चॉकलेट्स को न कह पाना जरा मुश्किल काम है। सर्दियों में तो मीठे का मोह कुछ ज्यादा ही बढ जाता है। चॉकलेट्स खानी ही हैं तो अच्छी क्वालिटी की डार्क चॉकलेट चुनें, जिसमें उच्च मात्रा में कोको तत्व हो, ताकि कोको में पाए जाने वालेएंटीऑक्सीडेंट्स का लाभ मिल सके। सुगरयुक्त या कम गुणवत्ता वाली चॉकलेट्स से दूर ही रहना अच्छा है।

7. भूख लगी हो तो ड्राई फ्रूट्स खा सकते हैं, लेकिन कम मात्रा में। अखरोट सेलेनियम का अच्छा स्रोत है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, साथ ही अवसाद से बचाता है। इसलिए इस मौसम में अखरोट का सेवन करें।

8. साबुत अनाज जैसे गेहूं, ओट, बाजरा, ब्राउन राइस, दलिया न सिर्फ सुपाच्य होता है, बल्कि हृदय के लिए भी लाभकारी होता है। रिफाइंड या प्रोसेस्ड अनाज का सेवन न करें, क्योंकि इसमें पौष्टिक तत्व कम हो जाते हैं।

9. दही से इम्यून सिस्टम सही होता है। फ्लेवर्ड या मीठे दही के बजाय सादे दही का सेवन करें। दही को स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाने के लिए उसमें ताजे फल मिलाएं।

10. खट्टे फलों में विटमिन सी होता है। संतरे, अंगूर, नीबू, अमरूद जैसे फल शरीर को मजबूत बनाते हैं। विटमिन सी जाडों में इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखता है।

11. हरी पत्तेदार सब्जियों की अहमियत तो हर मौसम में है। नियमित खानपान में कम से कम एक प्लेट गहरी हरी पत्तेदार सब्जियों को अवश्य शामिल करें।

12. सर्दियों में कब्ज या भारीपन से बचने के लिए फाइबरयुक्त खाद्य पदार्थ अवश्य लें। सैलेड्स में अलग प्रकार की सब्जियों-फलों को शामिल करें और इसमें कुछ नए प्रयोग करके इन्हें स्वादिष्ट बनाएं। फैटी सैलेड ड्रेसिंग न करें, क्योंकि इससे सैलेड के पौष्टिक तत्वों में कमी आ जाती है।

13. जंक फूड को नियमित भोजन का हिस्सा न बनाएं। चीनी, फैट, नमक और जंक फूड हमेशा कम मात्रा में लें।

14. खाने की मात्रा पर ध्यान दें। कम मात्रा में दिन में कम से कम तीन बार भोजन करें। स्वादिष्ट होने के साथ ही खाना ताजा होना चाहिए।

15. ब्रेकफस्ट, लंच और डिनर के बीच अंतराल कम रखें। इससे खाने के वक्त भूख ज्यादा नहींलगेगी और वजन संतुलित रहेगा।

16. सर्दियों में वजन कम करना यदि मुश्किल प्रतीत होता हो तो अवसादग्रस्त न हों। क्योंकि जितना सोचेंगे, उतना ही परेशान होंगे और वजन घटाना और मुश्किल होता जाएगा। अपने मौजूदा वजन को ही बरकरार रखने की कोशिश करें। उससे ज्यादा वजन न बढे, इसका खयाल रखें।

इंदिरा