दुनिया साइबर लॉ की

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की चर्चा होते ही अंकित फाडिया का नाम सामने आ जाता है, जिन्होंने ओसामा बिन लादेन के लोगों द्वारा भेजे गए एक ई-मेल को डिकोड करने में सफलता हासिल की थी। आए दिन साइट हैकिंग से लेकर ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड अथवा साइबर बुलिंग की खबरें सुनने को मिलती रहती हैं। यही है साइबर क्राइम और इन कामों को अंजाम देता है कम्प्यूटर तकनीक के जरिए एक हाइटेक अपराधी। इसे रोकने के लिए जरुरत होती है साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की।

साइबर क्राइम

पूरी दुनिया में साइबर स्पेस का अपना कानून है, जिसका उपयोग इंटरनेट के माध्यम से होने वाले अपराधों से निपटने के लिए किया जाता है। इंटरनेट के जरिए जब किसी को ईमेल या मैसेज आदि से परेशान किया जाए, तो उसे साइबर बुलिंग कहते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार पचास फीसदी अमेरिकी किशोर किसी न किस रूप में साइबर बुलिंग के शिकार हैं। मनोवैज्ञानिकों की मानें तो इसका असर किसी को मारने पीटने से भी ज्यादा भयावह होता है।

कोर्स

इस क्षेत्र में एक्सपर्ट बनने के लिए आपको पीजी डिप्लोमा, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स में से किसी एक कोर्स को करना जरूरी है। हालांकि कम संस्थानों में ही इसके लिए अलग से कोर्स उपलब्ध हैं। लेकिन अधिकतर संस्थानों में इससे संबंधित एक या दो सब्जेक्ट अवश्य पढाए जाते हैं। इस कोर्स के अंतर्गत साइबर लॉ और साइबर सिक्योरिटी से जुडी मूल बातें, नेटवर्क सुरक्षा, हमलों के प्रकार, नेटवर्क सिक्योरिटी के खतरे, हमले और खामियां, सुरक्षा संबंधी समाधान और उन्नत सुरक्षा प्रणाली आदि विशेष रूप से पढाए जाते हैं। इसके साथ ही संस्थान द्वारा विद्याíथयों के लिए एक डिजिटल लाइब्रेरी की भी व्यवस्था होती है, ताकि स्टूडेंट्स इससे जुडी अन्य जानकारी भी हासिल कर सकें।

योग्यता

साइबर लॉ कोर्स में प्रवेश पाने के लिए कैंडिडेट को कम से कम 12वीं या स्नातक होना आवश्यक है। पहले से लॉ या आईटी की डिग्री हासिल कर चुके स्टूडेंट्स इसे अलग से भी पढ सकते हैं।

अवसर

आजकल सबसे ज्यादा केस साइबर क्राइम जैसे कि ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड, ऑनलाइन परचेजिंग, ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, वेबसाइट बिगाडने आदि के दर्ज होते हैं। ऐसे में सरकारी, निजी, बैंकिंग सेक्टर, बीपीओ, आईबी, आईटी, शिक्षण-संस्थानों में इस तरह के क्राइम से निपटने के लिए साइबर लॉ एक्सप‌र्ट्स की जरूरत पडती है।

वेतन

तेजी से उभरते करियर के इस क्षेत्र में सैलरी पैकेज भी बहुत आकर्षक होती है। आरंभिक स्तर पर 15 से 20 हजार रुपये प्रति माह तक मिल जाते हैं। यदि आप किसी कंपनी से न जुडकर फ्रीलांस काम करते हैं, तो एक्सप‌र्ट्स बनने के बाद मुंहमांगा वेतन मिल सकता है।

संस्थान

जागरण इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट ऐंड मास कम्युनिकेशन, नोएडा

(www.jimmc.in)

डिपार्टमेंट ऑफ लॉ, दिल्ली यूनिवर्सिटी

(www.du.ac.in)

इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट,भगवान दास रोड, नई दिल्ली

एमिटी लॉ स्कूल, दिल्ली

(www.amity.org)

आईएमटी, मेरठ रोड, गाजियाबाद

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद

वेबसाइट : www.iiita.ac.in

फैकल्टी ऑफ लॉ, लखनऊ यूनिवíसटी, लखनऊ

स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज, हिमाचल यूनिवíसटी, शिमला

पश्चिम बंगाल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ज्यूडिशियल साइंस, कोलकाता

नेशनल लॉ यूनिवíसटी,जोधपुर

बनें साइबर वकील

जेआईएमएमसी के डायरेक्टर जे.आर. शरण के अनुसार, आने वाले दिनों में काफी संख्या में साइबर लॉ एक्सप‌र्ट्स की मांग बढेगी। प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंश..

भारत में साइबर लॉ का क्या भविष्य है?

अभी इंटरनेट की पहुंच मेट्रो और बी ग्रेड वाले शहरों तक ही सीमित है। लेकिन धीरे-धीरे लगभग सभी क्षेत्रों में इंटरनेट या कम्प्यूटर पर निर्भरता बढ रही है। कहा जा सकता है कि आनेवाले दिनों में भारत में साइबर लॉ का अधिकाधिक विस्तार होगा।

साइबर लॉ एक्सपर्ट बनने के लिए किस तरह के गुण जरूरी हैं?

साइबर लॉ एक्सप‌र्ट्स के लिए आवश्यक है कि वे हमेशा नए-नए नियमों को जानने के लिए तत्पर हों। साथ ही कुछ व्यवहारिक गुणों जैसे साइबर क्रिमिनल को समझने की क्षमता तथा रिसर्च करने की जिज्ञासा हो। इसके साथ ही वायरस पर नियंत्रण, अकाउंट चोरी से बचाव, इंटरनेट और सॉफ्टवेयर से संबंधित मुद्दे डील करने आदि चीजों को सीखने के लिए उत्सुक हो।

यह कोर्स किसके लिए फायदेमंद हैं?

यह कोर्स खासकर लॉ स्टूडेंट्स, पेशेवर लॉयर्स, आईटी प्रोफेशनल्स, स्टूडेंट्स, सिक्योरिटी ऑडिटर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, बैंकिंग, इंश्योरेंस और अन्य प्रोफेशनल्स के लिए काफी फायदेमंद हो सकते हैं।

इसमें प्रैक्टिकल ट्रेनिंग का महत्व है?

इस कोर्स में थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों का समान महत्व होता है। जब तक थ्योरी नहीं पढेंगे, प्रैक्टिकल संभव नहीं होगा।

यहां आनेवाले स्टूडेंट्स को क्या सलाह देंगे?

इस कोर्स में एडमिशन लेने से पहले यह जानकारी जरूर प्राप्त कर लें कि आपको पढना क्या है। इसके साथ ही संस्थान की फैकल्टी और प्लेसमेंट रिकॉर्ड जरूर देखें।

विजय झा

vijayjha@nda.jagran.com

डिमांड साइबर एक्सपर्ट की

साइबर लॉ में तकनीकी विषयों के साथ-साथ कानूनी पहलुओं का भी अध्ययन किया जाता है। इसके पाठ्यक्रम में टेक्नोलॉजी और लॉ दोनों विषयों के बारे में विस्तार से पढाया जाता है। आजकल हर क्षेत्र में इसकी काफी डिमांड है। क्योंकि हर संस्थान सिक्योरिटी चाहता है। इस तरह की सिक्योरिटी साइबर लॉ विशेषज्ञ के जिम्मे होता है। आज भी ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जो यह नहीं समझ पाते कि कैसे उनके ई-मेल में किसी अज्ञात व्यक्ति ने सेंध लगाई या कैसे कम्प्यूटर से उनका जरूरी डाटा पल भर में गायब हो गया। यही कारण है कि भारत में साइबर लॉ का विस्तार सभी क्षेत्रों में हो रहा है।

प्रो. केशव राय

डायरेक्टर, इंटरनेशनल स्कूल ऑफ कॉर्पोरेट मैनेजमेंट, पुणे