स्वस्थ तन-मन के लिए रखें उपवास

उपवास सदियों से हमारी जीवनशैली का एक हिस्सा है। ऋतुएं बदलने पर भी उपवास रखना अच्छा माना जाता है। भले ही आज इसे हम अंधविश्वास मानें, लेकिन ये परंपराएं वैज्ञानिक आधार पर हमें स्वस्थ रखने के लिए बनाई गई थीं। हालांकि आज हम इनका वास्तविक अर्थ भूलते जा रहे हैं। उपवास तन-मन को स्वस्थ व प्रसन्नचित्त रखने के लिए आवश्यक है। सप्ताह में केवल एक दिन उपवास रखने से कई रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है।

उपवास का लाभ

हम जानते हैं कि शरीर में धीरे-धीरे विषैले तत्वों का जमाव होता रहता है। रक्त का काम शरीर के विभिन्न अंगों की कोशिकाओं को पोषण व ऑक्सीजन उपलब्ध कराना और विषैले तत्वों एवं कार्बन-डाई-ऑक्साइड को ढोकर ले जाना है। कार्बन-डाई-ऑक्साइड गैस फेफडों द्वारा श्वसन क्रिया के फलस्वरूप शरीर से बाहर निकल जाती है, फिर गुर्दे विषैले तत्वों को छानकर मूत्र द्वारा बाहर निकाल देते हैं। उपवास के दौरान विषैले तत्वों का जमाव रुक जाता है। पहले से जमा विषैले तत्वों का निष्कासन तेजी से होने लगता है। इससे शरीर में चुस्ती-फुर्ती और हलकापन आता है।

इन बातों का ध्यान रखें

1. उपवास के दौरान पानी ज्यादा पीना चाहिए, ताकि गुर्दे ठीक से काम करें और विषैले तत्व शरीर से बाहर निकल सकें। इससे न तो त्वचा की नमी कम होगी और न ही डिहाइड्रेशन होगा।

2. पूर्ण उपवास न रखें। नींबू-पानी, फलों व सब्जियों का रस लेते रहें। इससे शरीर में हलकापन आने के साथ-साथ आवश्यक ऊर्जा व विटमिंस मिलते रहते हैं और सामान्य कामकाज करने में थकावट नहीं महसूस होगी।

3. उपवास के अगले दिन हलका भोजन लें। मसालेदार या मांसाहारी भोजन, फास्ट फूड्स, अत्यधिक खट्टे पदार्थ या मिठाई न लें, ताकि आंतें सुचारु रूप से अपना कार्य करती रहें।

4. मोटापा कम करने के लिए लंबा उपवास न रखें। इससे शरीर में अनिवार्य ऊर्जा, मिनरल्स व विटमिंस की कमी होती है। उपवास के शुरुआती दिनों में वजन कम होता है, क्योंकि जल तत्व की कमी होती है, लेकिन कुछ समय बाद वह स्थिर हो जाता है।

5. उपवास करने वाली स्त्रियों को वसा, फास्ट फूड एवं मांसाहार से परहेज रखना चाहिए और अपने भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियों, फलों और सैलेड की मात्रा बढानी चाहिए एवं नियमित व्यायाम करना चाहिए। कई बार उपवास रखने वाली स्त्रियों में मोटापा बढने लगता है, इसलिए भोजन की संतुलित मात्रा पर ध्यान देना आवश्यक है।

6. रक्तचाप, पेप्टिक अल्सर, मधुमेह, अत्यधिक दुर्बलता एवं रक्ताल्पता से पीडित लोगों सहित गर्भवती स्त्रियों को भी उपवास नहींरखना चाहिए। गर्भस्थ शिशु की आवश्यकताएं मां के पोषण पर निर्भर करती है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान अतिरिक्त खुराक लेने की जरूरत होती है।

7. स्वस्थ व्यक्ति ही उपवास रख सकता है। कभी-कभी उपवास रखने से शरीर में हलकापन रहता है, मल-मूत्र विसर्जन सुचारु होता है, भूख बढती है और भोजन में रुचि बढती है, साथ ही चित्त प्रसन्न रहता है। लेकिन कभी भी लंबा उपवास न करें। इससे शरीर व जोडों में दर्द, भूख का ह्रास, भोजन के प्रति अरुचि, गला सूखना, प्यास अधिक लगना एवं कमजोरी महसूस होना जैसे लक्षण पनपते हैं।

8. उपवास रखने के दौरान आराम भी करें। अधिक मेहनत एवं धूप में अधिक समय तक रहने से बचें।

डॉ. अर्चना गुप्ता