टूट न जाएं मोती

इस बात से आप वाकिफ ही है कि कीमती और आकर्षक आभूषण हरेक महिला के सौंदर्य में चार-चांद लगाते हैं। इन्हे आप जीवनभर के लिए किया गया एक अच्छा निवेश भी मान सकती हैं। इसलिए आभूषणों को सहेज कर रखना जरूरी है।

मोतियों की माला या अन्य आभूषणों की गणना उम्दा आभूषणों में की जाती है। आम और खास सभी महिलाएं मोतियों से निर्मित आभूषणों को बहुत पसंद करती हैं। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ को आभूषणों में मोती की माला काफी पसंद है। इसी तरह जयपुर की महारानी स्व. गायत्री देवी और हॉलीवुड की अनेक चर्चित अभिनेत्रियों की पसंद मोतियों की माला या इससे निर्मित आभूषण ही रहे है। वैसे भी मोती एक ऐसा स्टोन है, जो कीमतों के मामले में आम आदमी की पहुंच केअंदर हैं। मोती के आभूषणों में काफी विविधता है। मोतियों के आभूषणों के रखरखाव और उनकी हिफाजत के लिए कुछ बातों पर अमल करे-

* मोती और इससे निर्मित आभूषणों को साफ हाथों से ही स्पर्श करे। जब आप पूरी तरह तैयार हो जाएं, तब सबसे अंत में ही इन आभूषणों को धारण करे।

* इस रत्न को हेयर स्प्रे, लोशंस और परफ्यूम्स से दूर रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इन उत्पादों में जो रासायनिक तत्व पाए जाते है, वे मोतियों को क्षति पहुंचा सकते है।

* मोतियों की आभा को बरकरार रखने के लिए उन्हे नियमित तौर पर धारण करना चाहिए। कारण, आपके शरीर में जो कुदरती तेल होते हैं, वे मोती की चमक और उसके सौंदर्य को बरकरार रखने में सहायक होते है।

* मोतियों को साफ करने के लिए उन्हे कुछ समय के लिए पानी में डाल दें। फिर नर्म वस्त्र से उसे पोंछें। याद रखें, इस रत्न से बने आभूषणों को साफ करने के लिए किसी प्रकार के तेल या अन्य विधियों का प्रयोग न करे।

* मोतियों के आभूषणों को सोना, हीरा या अन्य रत्नों से निर्मित गहनों से अलग रखें। कारण, अन्य आभूषणों के साथ रखने पर मोती पर खरोंच आ सकती है या इन्हें क्षति पहुंच सकती है। सोने की चेन और अन्य आभूषणों के साथ मोतियों के आभूषण धारण न करे।

* इस रत्न के आभूषणों की साफ-सफाई की एक उम्दा विधि है, इन्हे माइल्ड सोप के घोल में डाल दें। इसके बाद पानी से साफ कर लें।

* मोतियों के आभूषणों की साफ-सफाई की एक अन्य विधि इन्हे गुनगुने पानी में 10 मिनट के लिए डाल दें। इसके बाद इन्हे साफ पानी से धो लें। फिर सूती कपड़े में रखकर इन्हे सुखा लें।

* मोती के गहनों को मखमल के पाउच या बाक्स में रखें। इन गहनों को पिंक पेपर में न रखें, जिसका प्रयोग अक्सर जूइॅ‌र्ल्स रत्नों को लपेटने में किया करते है। इस पेपर पर अगर पसीने या पानी की कहीं एक बूंद भी गिर गयी, तो इससे मोतियों का रंग बदरंग हो सकता है।

* यदि आप मोतियों के आभूषणों को नियमित तौर पर धारण करती है, तो तीन-चार साल के अंतराल पर दोबारा नए धागे में पुहाई करवा लें।

* पुहाई कराने से पहले मोतियों के गहनों को पेशेवर जूइॅ‌र्ल्स के पास ले जाकर इनकी सफाई कराएं। ऐसा करने से मोतियों की चमक और इनका टिकाऊपन बढ़ जाता है।

[शुचि अग्रवाल]