अब तक वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध से यह प्रमाणित हो चुका है कि पुरुषों की तुलना में स्त्रियों को यह समस्या अधिक होती है। स्त्रियों में प्राय: चालीस वर्ष की उम्र के बाद इस समस्या के लक्षण देखने को मिलते हैं।
लक्षण
1. मोटापा
2. उच्च रक्तचाप
3. मेनोपॉज
4. ऊंची एडी के फुटवेयर
5. कै ल्शियम की कमी
लक्षण
1. जोडों में दर्द
2. जोडों में जकडन
3. सूजन
4. चलने, सीढियां चढने, पालथी मार कर जमीन पर बैठने और बैठकर उठने में दर्द और असुविधा महसूस होना
5. चलते समय जोडों से चट-चट की आवाज सुनाई देना
6. मांसपेशियों का कमजोर होना और खडे होते या चलते समय पैरों का असामान्य दिखाई देना। बचाव
1. अपने भोजन में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थो जैसे- दूध, दही और पनीर आदि दुग्ध उत्पादों को अपने रोजाना के भोजन में जरूर शामिल करें।
2. अंडा, मछली, चिकेन और सफेद रंग के फलों और सब्जियों में भी पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है।
3. डॉक्टर की सलाह पर प्रतिदिन कैल्शियम की गोलियों का सेवन करें।
4. थोडी देर हल्की धूप का सेवन करें, सूर्य की रोशनी में मौजूद विटमिन डी शरीर में कैल्शियम के अवशोषण की क्षमता को बढाता है। 5. नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और अपना वजन नियंत्रित रखें।