घुंघरुओं की ानक में करियर

नब्बे के दशक की बात है, लोकेश भारद्वाज ने लगातार डेढ साल तक मथुरा से दिल्ली तक का सफर किया। करीब 157 किलोमीटर की प्रतिदिन की इस यात्रा ने उनके करियर को एक नया रूप और आकार दिया। 31 साल की उम्र में लोकेश की पहचान आज न सिर्फ एक निपुण डांसर, बल्कि दिल्ली में भरतनाट्यम के शिक्षक के रूप में भी हो रही है। कुछ ऐसी ही कहानी यामिनी रेड्डी की भी है। दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए करने के बाद उन्होंने मैनेजमेंट के क्षेत्र में संभावनाएं नहीं तलाशीं। यही नहीं, उन्होंने विदेश में पढाई का अवसर भी छोड दिया। आज यामिनी अपना ध्यान पूरी तरह से कुचिपुडी नृत्य पर लगा रही हैं।

पॉपुलर है करियर

डांस में फुलटाइम करियर तलाशने वाले युवाओं की संख्या तेजी से बढ रही है। जाने-माने कुचिपुडी डांसर राजा और राधा रेड्डी का ही उदाहरण देखिए, इनके प्रशंसकों की फेहरिस्त में देशी ही नहीं, विदेशी भी शामिल हैं। ऐक्टर और कंटेम्परेरी डांसर ईशा शरवनी 18 की उम्र में ही 20 देशों में परफॉर्म कर चुकी थीं। केटी नामग्याल की उम्र 29 की है, प्रोफेशनली वे एक साल्सा ट्रेनर हैं। केटी हर महीने कम से कम दो देशों में जरूर परफॉर्म करती हैं।

अब रुचि नहीं, करियर

दो दशक पहले की बात है, जब डांस को सिर्फ रुचि या फिर बतौर शौक ही देखा जाता था। इसे प्रोफेशन के तौर पर शायद ही कोई लेता था। लेकिन बदलते वक्त में विचार भी बदले हैं। कलाश्रम में टीचर और कथक डांसर शाश्वती सेन कहती हैं कि जब मैंने डांस कोकरियर बनाने का निर्णय किया, तो मेरे माता-पिता परेशान हो उठे। यह सत्तर के दशक की बात है, उन दिनों इसे बहुत सम्मान के साथ नहीं देखा जाता था। साथ ही इस कला के जरिये पैसा कैसे कमाया जाएगा, यह अपने आप में गंभीर सवाल था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। केटी नामग्याल का कहना है कि इस क्षेत्र में करियर को लोग अब सम्मान के साथ तो देख ही रहे हैं, साथ ही इसमें पैसा भी आ गया है। एक डांस प्रोफेशनल चाहे, तो एक पायलट के जितना पैसा भी कमा सकता है।

पैसा, सम्मान और शोहरत

पिछले कुछ सालों से देश के शहरी क्षेत्रों में वेस्टर्न स्टाइल की डांस फॉर्म का चलन तेजी से फैला है। डांसवर्क परफॉर्मिग आ‌र्ट्स एकेडेमी के डायरेक्टर एश्ले लोबो बताते हैं कि जब उन्होंने काम शुरू किया, तो उस वक्त लोग समझ नहीं पाते थे कि जैज आखिर चीज क्या है। लेकिन वर्तमान परिदृश्य में देखिये, बडे तो क्या बच्चे भी इस बारे में जान गए हैं।

कब करें शुरुआत

कौशल्या रेड्डी की मानें तो डांस में करियर बनाने के लिए शुरुआत दस की उम्र से कर देनी चाहिए। किशोरावस्था में भी इस क्षेत्र में प्रवेश करना चाहे, तो वह आ सकता है। हां, उसे थोडी ज्यादा मेहनत की जरूरत पडेगी। ऐसे कई डांसर हैं, जिन्होंने 20 की उम्र में इस क्षेत्र में कदम रखा और आज प्रतिष्ठित नाम बन चुके हैं। आशीष खोकर का कहना है कि युवतियों के साथ नवयुवक भी इस क्षेत्र में बेहतरीन संभावनाएं तलाश सकते हैं। आंकडे तो यहां तक कहते हैं कि मौजूदा वक्त में सोलो परफॉर्मेस देने वाले पुरुष कलाकारों की संख्या 20 से ज्यादा नहीं है। इसके अलावा, पश्चिमी देशों में इंडियन क्लासिकल डांस फॉ‌र्म्स को खूब दाद मिल रही है।

आय

एक ट्रेनर के रूप में आप हर महीने 20 हजार रुपये तक कमा सकते हैं, जबकि स्टेज शो के दौरान हर परफॉर्मेस के मुताबिक 2 हजार रुपये की पेमेंट हासिल की जा सकती है। अगर फिल्मों में काम करने का अवसर मिल जाता है, तो वहां एक शिफ्ट के लिए 8 हजार रुपये तक मिल सकते हैं। अगर आपका नाम और काम बाजार में एक बार स्थापित हो जाता है, तो फिर आप मुंहमांगी कीमत पर काम कर सकते हैं।

प्रमुख संस्थान

नृत्यग्राम, हेसरघट्टा नृत्यग्राम

www.nrityagram.org

अट्टाकलरी, बंगलौर

www.attakkalari.org

कलाक्षेत्र, चेन्नई

www.kalashetra.net

कलाश्रम, दिल्ली

www.birjumaharaj-kalashram.com

टेरेंस लुइस कंटम्परेरी डांस कंपनी

www.terencelewis.com

द डांसव‌र्क्स

www.thedanceworx.com

श्यामक डावर इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉरमिंग आ‌र्ट्स

www.shiamak.com

इंडिया टुडे ग्रुप

गुरुजन उवाच..

समर्पण जरूरी

नृत्य में पहचान और करियर बनाना कडी मेहनत का काम है। वैसे इसे प्रोफेशन कहना पूरी तरह उचित नहीं होगा। मेरी समझ से इसमें ऐसे लोगों को प्रवेश करना चाहिए, जो कला के प्रति पूरी तरह से समर्पण का भाव रखते हों। अगर आपके संबंध, संपर्क और अच्छी प्रतिष्ठा हो, तो इस क्षेत्र में अच्छा काम और नाम संभव है।

आशीष खोकर, नृत्य इतिहासकार

मौलिकता का संबल

अगर इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनानी है, तो एक कलाकार की तरह सोचना होगा और दूसरों से कुछ अलग हटकर करना होगा। डांस में करियर के लिए मौलिकता और हर क्षण कुछ सीखने का जज्बा होना जरूरी है।

केटी नामग्याल, फाउंडर ऐंड डायरेक्टर साल्सा इंडिया

प्रोफेशनल बनें

डांस आपको बेहतरीन वित्तीय लाभ दिला सकता है, बशर्ते आप इसे शौक नहीं, बल्कि प्रोफेशन के तौर पर लें। मौजूदा दौर में डांस इंडस्ट्री सिर्फ 30 से 40 करोड रुपयों की है। एक अनुमान के मुताबिक, अगले पांच वर्षो में बढकर 500 करोड तक पहुंचने का अनुमान है।

एश्ले लोबो, आर्टिस्टिक डायरेक्टर द डांसव‌र्क्स

बेहतर विकल्प

बदलते जमाने में लोगों की धारणा बदल रही है। यही कारण है कि डांस की ट्रेनिंग देने वाले इंस्टीट्यूट्स की आज कोई कमी नहीं है। साथ ही ऐसे अनेक मंच हैं, जो नौजवान डांसर और कोरियोग्राफर्स को उनके करियर को नई दिशा देने में मददगार साबित हो सकते हैं।

श्यामक डावर, डांसर और कोरियोग्राफर

अनुसरण जरूरी

जब मैंने इस क्षेत्र में कदम रखने का फैसला अपने पिता और दोस्तों को बताया तो उनकी भंवें तन गई। लेकिन मैं एक कलाकार बनने में सफल रहा। इस क्षेत्र में आने वालों को सिर्फ इतना कहूंगा कि वो दूसरों का परफॉर्म करते देखें, खूब देखें, इससे उन्हें खुद को निखारने में मदद मिलेगी।

सत्यनारायण राजू, भरतनाट्यम नर्तक

हो अलग स्टाइल

कामयाबी के लिए आपका अलग स्टाइल होना जरूरी है। कुछ अलग करने के लिए आपको कडी मेहनत करनी होगी, काम के साथ जूझना होगा। अगर आप कुछ नया करने में कामयाब रहते हैं, तो आपका नाम लंबे समय तक याद किया जाता है।

शरवाणी दक्ष शेठ और ईशा शरवाणी, इंडियन कंटम्परेरी डांसर

रियाज से होगा लंबा करियर

नृत्य के क्षेत्र में अगर आपको कुछ कर गुजरना है, तो इसके लिए अनुशासन, सहनशीलता और नियमित रियाज करना होगा। संबंध आपको बहुत दूर तक नहीं ले जा सकेंगे। प्रशंसकों के दिल में अगर आपको अपनी जगह बनानी है, तो जरूरी है कि आपकी पहचान एक बेहतरीन कलाकार के रूप में भी हो।

राजा और राधा रेड्डी, कुचिपुडी डांसर