कैंसर का जो प्रकार सबसे ज्यादा स्त्रियों को प्रभावित करता है, वह है- स्तन कैंसर। इंडियन कैंसर सोसायटी द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक मुंबई के अस्पतालों में एक वर्ष के भीतर ब्रेस्ट कैंसर के 6,629 मामले दर्ज किए गए।
कारण
1. देर से विवाह या 30 वर्ष से अधिक उम्र में बच्चे को जन्म देना
2. कम उम्र में पीरियड की शुरुआत या देर से मेनोपॉज होना
3. खानपान के गलत तरीके से शरीर में अतिरिक्त फैट का जमा होना
4. आनुवंशिक कारण
बचाव
1. ब्रेस्ट के हर हिस्से का सावधानीपूर्वक निरीक्षण करें और देखें कि उसमें कोई गांठ या सूजन तो नहीं है।
2. ध्यान से देखें कि स्तनों की संरचना और त्वचा की रंगत में कोई बदलाव तो नहीं दिखाई दे रहा। यह भी देखें कि कहीं धारियां तो नहीं हैं या दबाने पर कहीं गड्ढा तो नहीं पड जाता।
3. अगर कभी निप्पल्स में दर्द, खुजली या किसी तरह का डिस्चार्ज हो तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें।
4. अपनी उंगलियां सीधी रखें और उन्हें ब्रेस्ट के बाहरी दायरे से धीरे-धीरे घुमाते हुए निप्पल्स के आसपास के हिस्से तक ले जाएं। इस तरह स्पर्श से वैसी गांठ के बारे में भी पता चल जाएगा, जो खुली आंखों से दिखाई नहीं देती।
5. इसी तरीके से अंडरऑर्म्स की भी जांच करें क्योंकि ब्रेस्ट कैंसर होने पर इस हिस्से में भी गांठ हो सकती है।
6. अगर आपके परिवार में पहले से किसी को यह बीमारी रही है तो तीस वर्ष की उम्र के बाद तीन वर्ष के अंतराल पर एक बार और चालीस के बाद साल में एक बार मेमोग्राफी जरूर कराएं।