यह प्रामाणिक सत्य है कि पुरुषों की तुलना में स्त्रियों को यह समस्या ज्यादा प्रभावित करती है। इसके लिए स्त्रियों की शारीरिक संरचना और सामाजिक कारण जिम्मेदार होते हैं।
कारण
1. आनुवंशिकता
2. गर्भनिरोधक गोलियों का लगातार सेवन
3. बचपन की कोई दुखद घटना
4. सामाजिक सहयोग का अभाव
5. शिशु के जन्म के बाद अचानक आने वाली जिम्मेदारी का तनाव
लक्षण
1. गहरी उदासी
2. सामाजिक गतिविधियों में अरुचि
3. यौनेच्छा में कमी
4. निराशावादी और नकारात्मक सोच
5. सेहत के प्रति बेहद लापरवाही
6. अंधेरे में अकेले रहने की इच्छा
7. अनिद्रा या बहुत ज्यादा नींद आना
8. आत्महत्या की प्रवृत्ति
बचाव
1. खुद को किसी न किसी तरह के काम में, व्यस्त रखने की कोशिश करें।
2. अपने कमरे को आकर्षक ढंग से सजाएं, फूलदान में रोज ताजे सुगंधित फूल लगाएं, खुद भी हलके और उदास रंगों के बजाय शोख चटख रंगों वाले ड्रेसेज पहनें, अपना हेयर स्टाइल बदलें। फिर देखिए डिप्रेशन कहां टिकता है आपके पास।
3. उदासी भरे संगीत, साहित्य और फिल्मों से दूर ही रहें तो आपके लिए ज्यादा अच्छा होगा। रोमांटिक संगीत सुनें, बैडमिंटन खेलें, बच्चों के साथ कोई मस्ती भरा इंडोर गेम खेलें और कॉमेडी फिल्में देखें।
4. चाय-कॉफी, एल्कोहॉल और सिगरेट से दूर रहने की कोशिश करें।
5. अगर आपको यह समस्या है तो मनोचिकित्सक से परामर्श जरूर लें।