हथियारों में खिले गुलाब

¨हसा को शांति और प्रेम से ही जीता जा सकता है। यही कारण है कि इजरायली कलाकार यॉरेन बॉब ने अपनी कलाकृति के लिए गुलाब को चुना। उनके गुलाब भी ऐसे वैसे नहीं हैं। इन्हें बनाने के लिए वह उन्हीं रॉकेटों और मोर्टारों के अवशेषों का प्रयोग कर रहे है जो गाजा से दागे गए थे। बॉब रॉकेट की धातु की छड़ को नारंगी रंग का होने तक गर्म करते है, फिर इसे हथौड़े से पीटकर पतली पत्तियां और पंखुड़ियां बनाते है।

बॉब कहते है, इन अवशेषों से गुलाब बनाकर मैं मृत्यु को शांति के प्रतीक के जरिए मुंहतोड़ जवाब देना चाहता था। गाजा से लगी इजरायली सीमा पर रह रहे लोग जनवरी में इजरायल एवं गाजा के बीच सैन्य विराम के बाद रॉकेट हमलों में अचानक आयी कमी से राहत महसूस करते हुए सामान्य जीवन जीने का प्रयास कर रहे है। क्षेत्रीय समिति के पर्यटन मैनेजर के अनुसार नए साल पर यहां के क्षेत्रीय गांवों और किब्बूटिज्म के गेस्टहाउस पूरी तरह से भरे हुए थे।

अगस्त में यहां के ग्रामीणों और किसानों ने एक सप्ताह लंबा दक्षिण अमेरिका महोत्सव भी मनाया । इसमें संगीत संध्या, सालसा डांस और वर्कशॉप जैसे आयोजनों ने हजारों दर्शकों को आकर्षित किया। अब यहां की रीजनल काउंसिल क्षेत्र में कलाकारों और गैलरियों को क्षेत्र में आमंत्रित कर रही है।

इतना सब होने के बावजूद यदा-कदा होने वाले रॉकेट और मोर्टार के हमले शांति में खलल डालते ही रहते हैं, जो लोगों को फिर से उन संघर्षपूर्ण दिनों की याद दिलाते रहते है। पेशे से अध्यापक और पार्ट टाइम धातु की कलाकृतियां बनाने वाले मि. बॉब ने भी अपने घर के पीछे शेड बनाकर एक बगीचा लगा रखा है। उन्होंने अपना पहला गुलाब तब बनाया था जब गाजा युद्घ अपने चरम पर था। अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का यह उनका अपना एक तरीका था। वह कहते है, मैं युद्घ के बिल्कुल खिलाफ हूं परंतु यह भी सच है कि सैन्य कार्यवाई से शांति भी आती है।

डेरॉट के मेयर डेविड बुस्कलिया ने वहां गए कई बड़े पदाधिकारियों को बॉब के गुलाब भेंट किए है। जिनमें अमेरिकी सीनेटर जॉन कैरी और संयुक्त राष्ट्र संघ के सेक्रेटरी जनरल बॉन की मून शामिल हैं।

[किरन दास]