झुर्रियों से बचाए संतरा

शोधकर्ता बताते हैं कि यदि आप प्रतिदिन एक संतरे का सेवन करती हैं, तो इससे झुर्रियां रोकने में मदद मिल सकती है। संतरे में मौजूद विटमिन सी से त्वचा देर से बूढी होती है। यह शोध ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने की। उन्होंने 40 से 74 वर्ष आयु वर्ग की चार हजार से अधिक स्त्रियों पर शोध किया। शोध में देखा गया कि विटमिन सी से युक्त खाद्य पदार्थ खाने वाली स्त्रियों में झुर्रियां कम देखी गई। विटमिन सी एक ऐसा एंटीऑक्सीडेंट है जो कोलाजेन के सिंथेसिस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दरअसल कोलाजेन नामक प्रोटीन त्वचा को लचीला बनाए रखने में मदद करता है। कोलाजेन हड्डियों, कार्टिलेज, मसल और रक्तवाहिनियों का ढांचा भी तैयार करने में सहयोग देता है।

शारीरिक समस्या, मानसिक कारण

त्वचा रोग, सिर दर्द, पेट की गडबडियां यहां तक कि दमा का भी संबंध आपके मस्तिष्क से है, क्या यह आपको पता है?

बहुत सी ऐसी बीमारियां हैं जो मनोमस्तिष्क से जुडी होती हैं और शरीर को लगातार प्रभावित करती रहती हैं। इन्हें साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर कहते हैं। इसकी खोज सदियों पहले एक ग्रीक फिजिशियन ने की थी। इसके लिए उन्होंने शरीर, मस्तिष्क और परिस्थितियों सबका एक साथ इलाज किया था। जैसे इंसानी त्वचा रक्तवाहिनियों से भरी होती है तथा मानसिक तनाव के प्रति बेहद संवेदनशील होती है। इसलिए मनोभावों का सीधा असर त्वचा पर दिखाई पडता है।

भले ही साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर को किसी खास श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, यह कई रूप में सामने आ सकती है। जैसे सामाजिक और मनोवैज्ञानिक तनाव के चलते दमा, पीठ दर्द, धमनी, हृदय संबंधी बीमारियां, मांसपेशियों की ऐंठन, डायबिटीज, एग्जिमा, गैस्ट्रिक समस्या, हाई ब्लड प्रेशर तथा अल्सर आदि शारीरिक बीमारियां परेशान कर देती हैं।

अधिक बियर और कॉफी घटाए शुक्राणु

हाल ही में हुई ब्रिटिश शोध से पता चला है कि बियर, रेड वाइन और यहां तक कि कैफीन के अधिक सेवन से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या घट सकती है। इस अध्ययन में पता चला कि बियर, रेड वाइन और कैफीनेटेड ड्रिंक्स जैसे कॉफी में महिला हार्मोन एस्ट्रोजन जैसे नेचरल केमिकल्स अत्यधिक मात्रा में होते हैं। ये फाइटोएस्ट्रोजंस हैं, जो पुरुष फर्टिलिटी को प्रभावित करते हैं। एक बात हैरान करने वाली थी कि अध्ययन में बताया गया कि यदि इन ड्रिंक्स के साथ भुनी मूंगफली खाई जाए तो ये और अधिक नुकसानदेह साबित हो सकते हैं, क्योंकि भुनी मूंगफली में भी कुदरती तौर पर वानस्पतिक कंपाउंड फाइटोएंस्ट्रोजंस की मात्रा ज्यादा होती है। ध्यान देने योग्य बात है कि आइसोफ्लैवांस नामक खास किस्म का फाइटोएस्ट्रोजन पुरुषों में स्त्री हार्मोन एस्ट्रोजन जैसा प्रभाव डालने लगता है। जिसकी वजह से पुरुषों में स्त्री हार्मोन का लेवल बढ जाता है तथा शुक्राणुओं की संख्या घटने लगती है। संतान की कामना रखने वाले सचेत रहें।

मिट्टी है अनमोल

इसमें संदेह नहीं कि मिट्टी से इलाज करने का तरीका सदियों पुराना है। अब मिट्टी के औषधीय गुणों को वैज्ञानिक फिर से परिभाषित करने का प्रयास कर रहे हैं। वास्तव में प्रकृति द्वारा प्रदत्त मिट्टी फ्लेश ईंिटंग कीटाणु (एम अल्सरांस) से मुकाबला करती है। मिट्टी एमआरएसए नामक जर्म से भी लड सकती है। अब माइक्रो बायोलॉजिस्ट और मिनरलॉजिस्ट इस बात की तह तक जाना चाहते हैं कि मिट्टी किस प्रकार इलाज में सहायता करती है। जांच रिपोर्ट यह बताती है कि मिट्टी से तमाम इन्फेक्शंस का इलाज संभव है। स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के प्रोफेसर के अनुसार विशेष मिट्टी ने इंसानों में कई बीमारियों के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को मार डालने में सक्रिय भूमिका अदा की। एक खबर के अनुसार फ्रांस के ज्वालामुखी से निकलने वाली मिट्टी त्वचा के अनेक रोगों को ठीक करने में सक्षम पाई गई। उनके मुताबिक मिट्टी से 99 फीसदी कीटाणुओं का खात्मा हो सकता है। इस मिट्टी की सहायता से जानलेवा बीमारियों के कीटाणुओं को 24 घंटे के अंदर समाप्त किया जा सकता है।

सखी प्रतिनिधि